माँ काली वह शक्ति है जिसमे संबंध स्थापित कर मनुष्य अपने जीवन विकास के मार्ग मै बड़ी सहायता प्राप्त कर सकता है। परमात्मा की अनेक शक्तियां है, उन शक्तियों मै काली का स्थान बहुत ही महत्तपूर्ण है। पतनोनमुच दुर्गणों का अंधकार काली रूपी दिव्य प्रकाश के उदय से हटने लगता है, यह भी स्पस्ट है कि जिनके मनोभूमि जितने अंशो मे विकसित है वह उसी अनुपात मै सुखी रहेगा।
Mother Kali is the power in which a person can get great help in the way of development of his life by establishing a relationship. God has many powers, Kali's position in those powers is very important. The darkness of Pathanamukh fortifications begins to disappear with the rise of the dark light in the form of black, it is also clear that those who have developed in the same fraction of their land will be happy in the same proportion.
श्रद्धेय श्री राजकुमार शर्मा (राजन महाराज) का जन्म 29 अप्रैल 1944 में धमधा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ। उनकी माता स्व. श्रीमती हेमा देवी शर्मा एवं पिता स्व.श्री बिष्णु प्रसाद शर्मा ग्राम मोहदी, पोस्ट नारधा, जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ के मूल निवासी थे। श्री बिष्णु प्रसाद शर्मा रामचरितमानस के सुप्रसिद्ध व्याख्याकार एवं मानस मर्मज्ञ थे। श्री राजन महाराज जी का आश्रम अभ्युदय संस्थान, अछोटी, कुम्हारी से अहिवारा मार्ग पर है तथा पारिवारिक निवास का संप्रति पूर्ण पता गायत्री शक्तिपीठ, वार्ड क्र. 9, नंदिनी नगर, जिला दुर्ग है।